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अंगड़ाई लेने से पहले

Reality and Mirage of Life
Reality and Mirage of Life
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bachpanबाल दिवस का गाना गाता
मेरा भोलू चाय बनता
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किसी भी चौराहे पर
जूते सिलता वो मिल जाता
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कोई रेल या बस स्टैंड
करतब दिखलाता वो दिख जाता
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विदेशी सैलानी लेते फोटो
गरीब भारत का ब्रांड एम्बेसडर वो  हो  जाता
..
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bachpan2हलवाई से लेकर,  नाई  की दुकान  में
गारे से बनते मकान  में
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घर में,  मिलों  में
वावार्ची के तन्दुरों  में
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कूड़े के ढेरों में , कपड़ों के धोने में
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bachpan3जरदोरी की कढ़ाई में
बर्तनों की गड़ाई में
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बचपन फंस के रह जाता है
अंगड़ाई लेने से पहले
बच्चा बूढ़ा होजाता है
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सोच  रहा था ओर कहाँ
मिटते बचपन को ढूँढूँ
..
..

भोलू तब   चाय ले  आता
बाल दिवस  का गाना गाता

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