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भ्रष्टाचार के कैंसर का ऑपरेशन जरुरी है

Reality and Mirage of Life
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कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबा देश जो कल क्रिकेट की जीत के खुमार में था आज कुछ अलग सा नज़र आ रहा है | अन्ना हजारे के आमरण अनशन का व्यापक समर्थन यह साबित करता है कि हरेक दिल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश पल रहा  है | ऊँचे ओहदों पर बैठे अफसरों तथा जनता द्वारा चुने जन प्रतिनिधिओं द्वारा जिस पैमाने पर लुट मार की उसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी  | देश का ज्यादातर पैसा विदेश की बैंको में पहुंचा देने वाले बाकायदा सामाजिक रूप से सम्मानित जीवन जी रहे है | देश को बेचने वालों को जेल में डालकर सम्पति को राजसात करने की बजाय कुछ नाटकीय कार्यवाही के बाद छोड़ दिया जाता है | आज स्थति इतनी बदतर है कि व्यक्ति सही काम कराने के लिए भी खुद ही रिश्वत देने के लिए हाथ बड़ा देता है | जन्म म्रत्यु का प्रमाण पत्र हो या गैस का सिलेंडर सबके लिए आदमी ने अपने को अतिरिक्त राशी देने के लिए पहले से तैयार कर लिया है | आर टी आई के दर्जनों कार्यकर्ताओं  को सूचना के अधकार का उपयोग करने पर मौत के घाट उतार दिया जाता है | इस समय अगर संयुक्त रूप से कोई आन्दोलन सामने नहीं आया तो आगे आने वाले  समय में  आम आदमी के लिए जीना दूभर होगा | दहशत का आलम ऐसा हो गया है कि सरे आम क़त्ल होने पर गवाह नहीं मिल पाते | यह बिलकुल सही कहा गया है की बुरे आदमिओं के अत्याचार और गुनाह के लिए वे अच्छे आदमी ज्यादा जिम्मेवार जो उसके खिलाफ आवाज ही नहीं उठाते | आज समय आ गया है कि आवाज बुलंद की जाये | थोड़े समय के लिए जश्न मुल्तवी किये जा सकते है | हालत लगभग जे पी के समग्र क्रांति के समय जैसे ही ख़राब हो चले है | भले लोग दरवाजा बंद करके घर के अन्दर बंद हो गये है | अन्ना हजारे समर्थको ने जंतर मन्तर से उन सभी नेताओं को चलता करके उन्हें आयना दिखाने का काम किया है | लोगो को यह हिम्मत अपने व्यक्तिगत जीवन में लानी होगी और शो रूम प्रतिष्ठानों का उद्घाटन भ्रष्ट नेताओं सेकराने
कि बजाय अपने क्षेत्रों ईमानदारी कि मिसाल बन चुके लोगो से कराये  | आज जाने अनजाने सब जानते हुए जनता सार्वजानिक रूप से नेताओं को आदर सत्कार दे देते है उसके वे हक़दार कतई नहीं है | आमिर खान व अनुपम खेर ने अन्ना हजारे का समर्थन करके अपने को उन बुजदिलों से  अलग कर लिया है जो अभी भी चुप है | आजाद भारत को आज नहीं तो  कल एक दूसरी जंग “भ्रष्टाचार मुक्ति की जंग” लड़नी ही होगी क्यूंकि यह सभीके चैन से जीने के लिए आवश्यक है | भ्रष्टाचार के दल दल में सरकार व विपक्ष हमजोली है अतः जन लोकपाल बिल के प्रस्ताव मात्र से सब डरे है | अभी विपक्ष तो कल सरकार में आने कि उम्मीद लगाये नेता इस बिल को लटकाए रखने का मंसूबा समझा  जा सकता है  |  आईये मुहीम का हिस्सा बनिए चुप रहना भ्रष्टाचार से आपकी सहमति ही मन जायेगा | दुष्यंत कुमार की ये लाइने  आज के हालत पर बहुत कुछ कह जाती है |

मत कहो, आकाश में कुहरा घना है
यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है

सूर्य हमने भी नहीं देखा सुबह से
क्या करोगे, सूर्य का क्या देखना है

इस सड़क पर इस क़दर कीचड़ बिछी है
हर किसी का पाँव घुटनों तक सना है

पक्ष औ’ प्रतिपक्ष संसद में मुखर हैं
बात इतनी है कि कोई पुल बना है

रक्त वर्षों से नसों में खौलता है
आप कहते हैं क्षणिक उत्तेजना है

हो गई हर घाट पर पूरी व्यवस्था
शौक से डूबे जिसे भी डूबना है

दोस्तों ! अब मंच पर सुविधा नहीं है
आजकल नेपथ्य में संभावना है

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