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आस लगा रक्खी है – Valentine Contest

Reality and Mirage of Life
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3-D1v

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मैंने अपने प्रियतम को हर पल  तलाशा , तो क्या
उसने भी मुझे एक बार तो पूंछा होगा


दिख न सकी उसकी सूरत इन सितारों में , फिर भी
वह इसी असमान के नीचे होगा


=

मैंने अपने कानो से सुना नहीं कुछ भी , लेकिन

उसने मेरा जिक्र दूसरों से करा होगा

=

सुनते है  वो दोस्तों से घिरा रहता है

मेरी तन्हाई का कुछ हिस्सा इस भीड़ में  शामिल होगा

=

दिखा न कभी मुझको दिन उजालों में मुझे ,लगताहै

काली रात को परछाई बनकर आया होगा

=


यादों की बारात यूँ ही मुद्दत से सजा रक्खी  है
यहाँ नहीं तो वहां मिलने की आस लगा रक्खी है

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