Reality and Mirage of Life
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कैलेंडर फिर से बदल गया है
दीवारे भी अब बदलेंगी
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समय नए आयाम दिए है
व्यवस्थाये अब बदलेंगी
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युवा शक्ति का उदय हुआ है
करवट सोच की भी बदलेगी
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मुक्त जड़त्व से होने की कसमसाहट है
तपस ज्ञान की चहु और सुलगेगी
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अंधकार ने सूरज को जैसे ढाप दिया था
तम से ही अब नई चिंगारी निकलेगी
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नए साल के गीत नए हों
बिछड़े मिले जहाँ भी मीत हों
हवा में रिश्तो की मिठास हो
कोयल की अब कूक खास हो
हर बच्चे के ओंठ पर मुस्कान हो
बहुरिया के दिल में आस हो
किसान की फसलों में शान हो
युवा के दिल में एक आग हो
बुजुर्ग की आँख में एक आस हो
दुनिया में भारत का प्रकाश हो
खुशिओं को दूर तक सैलाब हो
पैसा कैद से निकले सबके पास हो
जिंदगी के असली हीरो का अब सम्मान हो
कुछ के पास नहीं सबके पास धन धान हो
ख्वाबो की धरती पर खुले असमान हो
आपको मुझको सबको स्वर्णिम यह साल हो
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