Menu
blogid : 441 postid : 133

आजादी किस बात की ?

Reality and Mirage of Life
Reality and Mirage of Life
  • 62 Posts
  • 540 Comments

क्या हम वास्तव में आजाद है भ्रष्टाचार से भाई भतीजे वाद से? यह क्या आजादी है यह कि बोलते रहो पर सुनवाई नहीं होगी?किसी के कान पर जूं नहीं रेंगेगी .| आजादी यह है कि कही भी बसें जला दों कही भी जाम लगा दो| अपने चुकाए टैक्स बनी चीजे तोड़ कर खुश हो जाओ| लगेगा क्रांति हो रही है| जूनून इकठ्ठा है कहीं भी फूट पड़ता है | किसी छोटे चोर गिरहकट को पा जाएँ तो लोग उसकी जान ही ले ले | विद्रोह तो है पर फूटता गलत जगह है | एसा विद्रोह तो अंग्रेजो को भी पसंद था कि अन्दर बैठे आक्रोश को हिंसा के हवाले कर दो और भभक ठंडी कर लो |परिवर्तन के लिए जल्लाद कि तरह टूट पड़ने वाली भीड़ कि जरुरत नहीं लगातार दिल में तापस कि जरुरत है जो दिल मैं बैचेनी बनाये रखे इस कूड़ा होगये तंत्र के खिलाफ खड़े हो जाएँ ? | मंजुनाथान,सत्येन्द्र दुबे, अमित जढिया की न्रिशंश हत्या क्या किसी नौजवान को इस भ्रष्टाचार से लड़ने को प्रेरित कर पाया , क्या गला फाड़ फाड़ चिल्लाने वाले मिडिया का स्वर इन देश पर सब कुछ न्योछावर कर देने वालों को सही स्थान दिला पाई ?अंग्रेज बाँट कर राज्य करने का फार्मूला क्या दे गए ये देश को बाँट कर चुनाव जितने लगे हम विश्व शक्ति बने न बने भ्रष्टाचार के महानायक अवश्य है ?आजादी के तिरसठ साल में भी हमारे यहाँ की भूख मरी आत्महत्या करते गरीब कभी मिड नाईट चिल्ड्रेन तो स्लम डॉग मिलिनिअर और पीपली लाइव के लिए अच्छा चारा मसाला उपलब्ध करते है | स्वतंत्रता किसी भले आदमी के हक़ में नहीं गुंडे मवालिओं को उपलब्ध हो गयी है | हर मिनट इक्कतीस नए लोग हमको उतने ही उपभोग करने वाले बड़ा देता और बड़ा बाज़ार भी बना देता है और उसे हम कहने लगते हमारी अर्थव्यवस्था बड़ी है | एक और लुट खसोट की पूरा तंत्र हमें टाइम मगज़ीन में खरबपति की लिस्टों में है पर भूख मरते लोग भी क्या किसी दुसरे देश के है | स्वतंत्रता के नाम पर केवल बाहुबली समूह की जोर जबरदस्ती द्वारा व्यक्तिगत स्वाधीनता का हनन रोज आन्दोलन के नाम पर कभी सड़क कभी शहर को बंधक बनाते लोग उसके सामने बेबस आम आदमी | आजाद भारत में चाहे नेताओं के गुजरने के कारन बंद सड़क या आतातियों द्वारा रहन रखा शहर व् उसी में फंसकर अस्पताल न पहुँचने सड़क पर तड़प कर मरते व्यक्ति | कैसा है वलिष्ठ देश जहाँ आजादी के नाम पर निरंकुशता पसरी हुई है |
देश पर गर्व व् गौरव महसूस करने वालों को जरुरी मायूसी होगी पर सच्चे दिल प्यार करने से देश में कुछ भी बुरा हो उससे दिल बहुत परेशां होता है |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh